पहलवान कृपाशंकर बिश्नोई का विश्व वेटरन कुश्ती जार्जिया में कांस्य पदक जीतकर इंदौर लौटने पर जोरदार अभिनंदन
जार्जिया टूर को अपने शुभचिंतको से शेयर किया
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!इंदौर : विश्व वेटरन कुश्ती चैंपियनशिप से ब्रॉन्ज मेडल जीत कर रविवार को अपने गृह नगर इंदौर लौटने पर कृपाशंकर बिश्नोई का खेल प्रशासकों, विभिन्न अखाड़ो के पहलवानों व खेल संगठनों के पदाधिकारियों ने जोरदार स्वागत किया | इस मौके पर कृपा ने उपस्थित महानुभावों से अपनी जॉर्जिया की अतुल्य यात्रा का अनुभव साझा करते हुये कहा की विश्व भर में बसे विविध पृष्ठभूमियों के भारतीय अपने देश व खिलाड़ियों पर नाज करते है हाल ही में जॉर्जिया के तिब्लिसी शहर मे हुए विश्व वेटरन कुश्ती चैंपियनशिप के दौरान मुझे इसका ताजा उदाहरण देखने को मिला | जहा यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग की और से तिब्लिसी के होटल फोरचून पैलेस में भारतीय टीम के ठहरने की व्यवस्था की गई थी | यह होटल भारतीय ओनर का होने की वजह से इसका फायदा भारतीय कुश्ती टीम को मिला व आसानी से भारतीय शाकाहारी भोजन की व्यवस्था भी हो गई जबकि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग की ओर से भारतीय भोज की व्यवस्था नहीं की गई थी | होटल मे खाद्य और पेय प्रबंधक का कार्य संभाल रहे भारतीय मूल इंदौर के शुभम जोशी ने भारतीय कुश्ती टीम की काफी मदद की | कृपाशंकर ने बताया कि राष्ट्रीय भावना से ओत पोत शुभम ने अपनी जेब से भारतीय कुश्ती टिम के लिए शाकाहारी भोजन की व्यवस्था जॉर्जिया मे कारवाई | उन्होने इसे अपना दायित्व समझा और भारतीय कुश्ती टीम की पूरी मदद की टिम के साथ गए इंदौर के पूर्व पहलवान अजय वैष्णव हालाकी इस चैंपियनशिप मे कोई पदक जीतने मे सफल नहीं हुये लेकिन उन्होने जॉर्जिया मे बसे भारतीय मूल के लोगो की प्रशंसा करते हुये कहा की विश्व वेटरन कुश्ती चैंपियनशिप के दौरान मेडल जीतने मे शुभम जोशी जी का अहम योगदान रहा है | उन्होने पूरीचैंपियनशिप के दौरान भारतीय पहलवानों के भोजन की व्यवस्था अपने दिल से संभाली |
कृपाशंकर बिश्नोई कहते है की विदेशी धरती पर प्रतियोगिता के दौरान भारतीय पहलवानों को और क्या चाहिए था | घर से हज़ारों मील दूर घर जैसा खाना और भारत के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले पहलवानों के लिए शुद्ध शाकाहारी भोजन सोने पर सुहागा तब हुआ जब फोरचून पैलेस होटल त्बिलिसी, जॉर्जिया के खाद्य और पेय प्रबंधक शुभम जोशी जी को जैसे ही मालूम पड़ा कि उनके होटल में ठहरने वाले आम भारतीय नहीं, बल्कि वर्ल्ड और कामनवेल्थ के मेडलिस्ट के साथ ही अर्जुन अवॉर्ड जीतने वाले व दंगल फिल्म मे आमिर खान सहित सभी अभिनेत्रियों को कुश्ती के दाव पेज सिखाने वाले दंगल गुरु सहित भारतीय खिलाड़ी हैं तो उन्होंने उनकी ख़ूब ख़ातिरदारी की खूब हुआ पहलवानों का आदर-सत्कार व साथ-साथ उन्होने भारतीय खिलाड़ियो के लिए दिल के दरवाज़े भी खोल दिए | कृपाशंकर बिश्नोई ने यात्रा से अपना अनुभव साजा करते हुये कहा की विदेशो मे बसे अंग्रेजों की तुलना में हमारे भारतीयों में राष्ट्रीयता की भावना, अनुशासन, देश भक्ति और सहयोग करने की भावना कहीं अधिक दिखाई देता है । जब विदेशी धरती पर इण्डिया की जर्सी पहने भारतीय खिलाड़ियो को भारतीय मूल के लोग देखते है तो उनके हृदय में गौरव और देश भक्ति की भावना का संचार होता हैं । यह हमे फोरचून पैलेस होटल त्बिलिसी, जॉर्जिया के खाद्य और पेय प्रबंधक शुभम जोशी जी के व्यवहार, समर्पण और सहयोग देखकर लगा | वे देश की कुश्ती टिम व भारतीय खिलाड़ियो पर गर्व करते हैं
अर्पित विश्नोई भारतीय दल में कोच के रूप में जॉर्जिया गए थे उनका कहना है कि शरीर का वजन प्रतियोगिता में बड़ा मायने रखता है | उन्होंने कहा, “अगर बड़ी प्रतियोगिता से पहले पहलवान ऐसा खाना खाए जिसका वो आदी न हो तो उसका वज़न अचानक कम हो सकता है जिसका उसके खेल पर बुरा असर पड़ सकता है वो कहते हैं, “इसलिए यह बहुत बड़ी बात है कि किसी भारतीय ने विदेश में हमारे पहलवान खिलाड़ियों का ख्याल रखा |