Publish Date:Mon, 04 Nov 2019 03:33 PM (IST)
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सर्दियों में खांसी, जुकाम और इंफ्लूएंजा से हैं परेशान, तों बरर्तें ये सावधानियां
सर्दियों के मौसम में कुछ बीमारियों के मामले कहीं ज्यादा बढ़ जाते हैं। बावजूद इसके कुछ सजगताएं बरतकर मौजूदा मौसम का लुत्फ उठाया जा सकता है.
नई दिल्ली, आम तौर पर सर्दियों में जुकाम, खांसी, इंफ्लूएंजा, न्यूमोनिया, जोड़ों में दर्द, और नाक, कान व गले से संबंधित समस्याओं के मामले कहीं ज्यादा बढ़ जाते हैं। कहते हैं कि इलाज कराने से बचाव बेहतर है। इसके बावजूद अगर उपर्युक्त समस्याएं हो जाती हैं, तो उनका इलाज भी संभव है।
जुकाम, खांसी और इंफ्लूएंजा
साधारणतया ये रोग वायरस इंफेक्शन से होते हैं, लेकिन इंफ्लूएंजा कई प्रकार के वायरस से हो सकता है। इनमें से सबसे ज्यादा मामले इंफ्लूएंजा वायरस के होते हैं, जिसके तीन प्रकार-ए, बी, सी. हैं। स्वाइन फ्लू भी एक तरह का इंफ्लूएंजा वायरस है। उपर्युक्त तीनों समस्याओं में बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, भूख कम लगना और सुस्ती बने रहने के लक्षण प्रकट होते हैं। इसके अलावा खाना कम खाना और सांस लेने में तकलीफ होना आदि से संबंधित लक्षण भी सामने आ सकते हैं।
इलाज के बारे में
एंटी एलर्जिक दवाएं डॉक्टर के परामर्श से लें
हरी पत्तेदार सब्जियों का नियमित सेवन करें
तरल पदार्थ जैसे सूप आदि पर्याप्त मात्रा में लें
खाने में प्रोटीन ज्यादा लें। जैसे दूध, अंडा, पनीर, दाल, चना आदि लें
सांस में तकलीफ होने पर या डीहाइड्रेशन होने पर, शीघ्र ही डॉक्टर की सलाह लें
डॉक्टर के परामर्श से बुखार के लिए पैरासीटामोल और खांसी व जुकाम के लिए दवाएं लें
जब पीला या हरा बलगम निकल रहा हो, तभी डॉक्टर की सलाह से एंटीबॉयोटिक का प्रयोग करें
ऐसे करें बचाव
खांसते या छींकते समय मुंह को ढकें
बीमार व्यक्ति को ऑफिस या स्कूल न भेजें
फ्लू का टीका हर साल लगवाएं। फ्लू का टीका इंफ्लूएंजा में भी कारगर है
तुलसी, अदरक, हल्दी, शहद, आंवला, दालचीनी और गुड़ व चने का प्रयोग सर्दी में लाभकारी है
खाद्य पदार्थ खाने से पहले जीवाणुनाशक साबुन या हैंड सैनिटाइजर से अच्छी तरह हाथ साफ करें
न्यूमोनिया
सर्दियों में न्यूमोनिया के मामले कहीं ज्यादा बढ़ जाते हैं। फेफड़े में संक्रमण को न्यूमोनिया कहते हैं। डॉक्टर के परामर्श से दवा लें
अपने डॉक्टर से न्यूमोनिया वैक्सीन की जानकारी लें और अगर आपके डॉक्टर सलाह दें, तो इसे लगवाएं
न्यूमोनिया फेफड़े का रोग है और फेफड़े के रोगों में धूम्रपान बहुत हानिकर है
जोड़ों के दर्द
सर्दियों में जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द के मामले ज्यादा होते हैं। इसका कारण रक्त धमनियों का सिकुड़ना और मांसपेशियों में कड़ापन आना है। वैसे तो जोड़ों की समस्या किसी भी आयु में हो सकती हैं, परंतु पचास साल से ज्यादा उम्र के लोगों में यह समस्या ज्यादा पायी जाती है। आॉस्टियो अर्थराइटिस या उम्र के साथ जोड़ों के कार्टिलेज का घिसना और र्यूमैटॉइड अर्थराइटिस जोड़ों की प्रमुख समस्या है। इसके अलावा विटामिन डी और कैल्शियम की कमी के कारण भी जोड़ों में दर्द हो सकता है।
शुरुआत में चलने-फिरने या मूवमेंट करने पर दर्द होता है और फिर फिर बैठे-बैठे रहने की स्थिति में भी दर्द होता। इसके अलावा जोड़ों में सूजन आ जाती है। जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए और इन्हें गतिशील बनाए रखने के लिए अस्थिरोग विशेषज्ञ व फिजियोथेरेपिस्ट से परामर्श लेकर नियमित रूप से व्यायाम करें। इसके अलावा विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेकर कैल्शियम और विटामिन डी के सप्लीमेंट ले सकते हैं।
हाईपोथर्मिया
शरीर का तापमान साधारण से नीचे जाने की स्थिति को मेडिकल भाषा में हाईपोथर्मिया कहते हैं। सर्दियों में इस मर्ज के बुजुर्र्गों और बच्चों में होने का खतरा ज्यादा होता है।
ऐसे पहचानें
शरीर का ठंडा पड़ जाना और शरीर के तापमान का 95 डिग्री फॉरेनहाइट से कम होना, सुस्ती आना और तुतलाना इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं। हाइपोथर्मिया से राहत पाने के लिए इस सुझावों पर अमल करें…
अगर रोगी होश में हो, तो उसे गर्म पानी, दूध या सूप पीने के लिए दें
मरीज को शीघ्र कंबल में लपेटें। अगर रोगी के कपड़े गीले हों, तो उन्हें हटा दें
अगर मरीज की स्थिति में सुधार न हो रहा हो, तो शीघ्र ही उसे डॉक्टर के पास ले जाएं
सर्दियों में ऐसा हो खानपान
सर्दियों में समुचित खानपान से शरीर का रोग-प्रतिरोधक तंत्र (इम्यूनिटी सिस्टम) अन्य ऋतुओं की तुलना में कहीं ज्यादा सशक्त बन सकता है। इस तंत्र को सशक्त बनाने में ताजे फलों, सब्जियों, कम वसायुक्त डेयरी उत्पादों, सूखे मेवे, तिलहन, साबुत अनाज, फलियां और दलहन को अपने दैनिक आहार में शामिल करें। सरसों, हींग, काली मिर्च, मैथी और अजवाइन में जीवाणुरोधक तत्व पाए जाते हैं। उपर्युक्त खाद्य पदार्र्थों, मसालों को भी खानपान में शामिल करें। इस संदर्भ में कुछ सुझावों पर अमल करें…