भारत के रणधीर सिंह ने जीता कांस्य पदक
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!जॉर्जिया के तिबलसी में चल रही विश्व वेटरन कुश्ती चैंपियनशिप के दूसरे दिन भारत के खाते में एक कांस्य पदक आया । भारत के अर्जुन पुरस्कार विजेता रणधीर सिंह ने 100 किलोग्राम ग्रीको रोमन स्टाइल के सी डिवीजन की कुश्ती में यह पदक जीता है । नॉर्डिक सिस्टम के तहत उन्होंने कांस्य पदक पर कब्जा किया है
युनाइटेट वर्ल्ड रेसलिंग के नियमो के अनुसार नॉर्डिक सिस्टम में शामिल सभी खिलाड़ियों को एक दूसरे से मुकाबला करना होता है ऐसी वेट केटेगरी में एक स्वर्ण एक रजत व एक कांस्य पदक दिया जाता है । भारतीय पहलवान रणधीर सिंह नॉर्डिक सिस्टम के तहत खेलते हुए अपने पहले मुकाबले में कजाकिस्तान के Issasseztov को 4 – 0 अंको के अंतर के बाद बाई फाल के आधार पर मुकाबला जीत लिया दूसरे मुकाबले में ईरान के अली रजा से पराजित हो गए तीसरे मुकाबले में मेजबान देश जॉर्जिया के David Kuprashvili से पराजित हो गए । यह उनका विश्व वेटरन कुश्ती चैंपियनशिप का आठवां पदक है । रणधीर ने इससे पहले भी वर्ष 2006 लातविया विश्व में टर्न कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था इतना ही नहीं उन्होंने वर्ष 2018 स्कोपजे, 2017 बुल्गारिया, 2016 इस्तांबुल, तुर्की में आयोजित विश्व वेटरन कुश्ती चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था। उन्होंने विश्व वेटरन में अब तक कुल आठ पदक जीते हैं, जिसमें एक स्वर्ण, दो रजत व पांच कांस्य पदक शामिल हैं।
रणधीर सिंह को कुश्ती विरासत में मिली है उनके चाचा पद्मश्री से सम्मानित करतार पहलवान दुनिया के प्रसिद्ध पहलवानों में से एक है करतार सिंह के सानिध्य में ही रणधीर सिंह ने कुश्ती का अभ्यास शुरू किया करतार सिंह विश्व के एकमात्र पहलवान है जिसने 1973 से 2015 तक लगातार अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर एक रिकार्ड बनाया है । कुश्ती का ध्रुवतारा कहे जाने वाले करतार सिंह ने विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं उन्होंने विश्व वेटरन कुश्ती चैंपियनशिप में 21 स्वर्ण पदक जीतकर भारत का मान बढ़ाया है।
70 किलोग्राम सी डिवीजन ग्रीको रोमन स्टाइल की कुश्ती में भारत के एक और अन्य पहलवान देवानंद ने अपनी भागीदारी पेश की उन्हें पहले क्वालीफिकेशन राउंड मैं बाय मिली थी उसके बाद क्वार्टर फाइनल के मुकाबले में उन्होंने जर्मनी के Gaunnar Sprunk को 7 – 0 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया हालांकि सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के Kairmanov Nariman से 8 – 0 अंकों से पराजित हो गए कांस्य पदक के अहम मुकाबले में अर्मानिया के Poghosyan के सामने चोटिल हो गए देवानंद को यह मुकाबला बीच में ही छोड़ना पड़ा कंधे की चोट वह जबरदस्त पीड़ा के बाद न चाहते हुए भी उन्हें कांस्य पदक की दौड़ से बाहर होना पड़ा ।