भाषा ही किसी भी देश की सभ्यता व संस्कृति की पहचान होती है
लेखिका – डॉ कामिनी लखनऊ भाषा वैचारिक आदान प्रदान का मूल तत्व है। हिंदुस्तान में हिंदी भाषा और देवनागरी लिपि सहस्र वर्षों से अधिकांश लोगों की दिनचर्या का अंग बनी हुई है। भारत पर मुस्लिम आक्रमण के पूर्व तक इसका गौरव अक्षुण्ण रहा। कालांतर में मुग़ल शासक अकबर ने राज्य के हिंदी कार्यालयों को फ़ारसी […]
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