वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला Updated Wed, 25 Jul 2018 04:16 AM IST
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!पाक में आम चुनाव के लिए बुधवार को मतदान होना है जिस पर पूरी दुनिया की निगाह लगी है। चूंकि यह चुनाव दक्षिण एशिया की राजनीति को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा इसलिए इसका भारत पर भी असर पड़ना तय है। हालांकि भारत-पाक रिश्तों में भले ही विवाद के मुद्दे पुराने ही हैं जिनका सुलझना बेहद मुश्किल है लेकिन दोनों देशों में नेतृत्व की विचारधारा आपसी चर्चा के तौर-तरीकों को हर तरह से प्रभावित करता है।
इमरान यदि सत्ता में आए तो अच्छे संबंध मुश्किल, शरीफ या भुट्टो से हैं उम्मीदें
प्रसिद्ध अखबार डॉन ने अपने संपादकीय में नई सरकार बनने को लेकर भारत और दक्षिण एशियाई देशों के साथ पाकिस्तान के रिश्तों पर विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में पाक में इमरान और शरीफ की पार्टियों में कांटे की टक्कर के बीच इमरान बढ़त में हैं। जबकि इमरान खान ने चुनाव प्रचार में भारत के खिलाफ जहर उगला है और सेना का परोक्ष साथ भी उन्हें मिल रहा है, इसलिए यदि इमरान सरकार बनाते हैं तो उनके साथ भारत से अच्छे रिश्तों की उम्मीद बेकार साबित होगी।
क्रिकेट से राजनीति में आए इमरान कई अवसरों पर जेहादियों से वार्ता शुरू करने और कट्टरपंथियों को मुख्य धारा में लाने की पैरवी कर चुके हैं। इस कारण उनके विरोधी उन्हें तालिबान खान तक के नाम से पुकारते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन और बिलावल भुट्टो के नेतृत्व वाली पार्टी पीपीपी की पूर्ववर्ती सरकारें भारत के साथ शांतिपूर्ण रिश्तों की पक्षधर रही हैं। इसलिए इनमें से कोई भी पार्टी यदि सत्ता में आती है तो भारत के साथ रिश्ते सुधरने की दिशा में वार्ता चलते रहने की उम्मीद की जा सकती है।