Shared News | Updated Thu, 30 Aug 2018 04:33 PM IST
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!केरल में जिन जिलों में बाढ़ आई थी अब वहां जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है। एक अनुमान के तहत इस बाढ़ में 20,000 करोड़ रुपए की संपत्ति से अधिक का नुकसान हुआ है। वैसे तो केरल की मदद के लिए दुनियाभर से हाथ उठे हैं। इसी कड़ी में केरल के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने आज केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उनसे अपील की कि वे बाढ़ प्रभावित राज्य को ज्यादा धनराशि मुहैया कराएं और विदेशी सहायता प्राप्त करने की इजाजत दें।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल कांग्रेस, माकपा, आरएसपी, केरल कांग्रेस (मणि) के 11 सांसद और एक निर्दलीय सांसद ने राजनाथ को केरल के मौजूदा हालात से अवगत कराया। राज्य में बीती एक सदी में आई सबसे भीषण बाढ़ में आठ अगस्त के बाद से अब तक 320 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया, ‘पार्टी चाहे कोई भी हो, हम केरल के पुनर्निर्माण के लिए एकजुट हैं। हम ज्यादा धनराशि चाहते हैं। हमने गृह मंत्री से कहा है कि वह विदेशी सहायता प्राप्त करने पर लगी पाबंदी को खत्म करें। गृह मंत्री ने हमें आश्वस्त किया है कि वह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से बात करेंगे।’
प्रतिनिधिमंडल में एंटनी, के.वी. थॉमस, के.सी. वेणुगोपाल, के. सुरेश, एंटो एंटनी, एम. के. राघवन (सभी कांग्रेस), पी. करुणाकरन और पी. के. बैजू (माकपा), एन. के. प्रेमचंद्रन (आरएसपी), जोस के. मणि (केरल कांग्रेस मणि) और जॉइस जॉर्ज (माकपा समर्थित निर्दलीय) शामिल थे।
इन नेताओं ने कहा कि मूल रूप से केरल के ही रहने वाले केंद्रीय पर्यटन मंत्री के. जे. अल्फांस प्रतिनिधिमंडल में उनके साथ शामिल नहीं हो सके, क्योंकि वह चीन की यात्रा पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के केरल दौरे के बाद केंद्र सरकार ने बाढ़ राहत कार्यों के लिए 600 करोड़ रुपए आवंटित किए थे।
बहरहाल, साल 2004 में तत्कालीन यूपीए सरकार की ओर से किए गए एक फैसले का हवाला देते हुए केंद्र ने कहा था कि वह प्राकृतिक आपदाओं के लिए किसी विदेशी मदद को स्वीकार नहीं करेगा। विदेश मंत्रालय का स्पष्टीकरण तब आया था जब मीडिया में ऐसी खबरें आई थीं कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने केरल के लिए 700 करोड़ रुपए की सहायता की पेशकश की थी।
शुरुआती अनुमान के मुताबिक, बारिश के कारण राज्य में करीब 20,000 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है। हालांकि, मुख्यमंत्री पी. विजयन ने कहा कि यह आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा है।