अमृतसर के सांसद गुरजीत औजला सांसदनिधि का पैसा चंडीगढ़ गोल्फ क्लब को देने से विवाद में आ गए हैं। विपक्ष का कहना है कि गुरुनगरी का बुरा हाल है और औजला सांसद निधि ऐसे उड़ा रहे हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!जेएनएन, अमृतसर। बेहाल सड़कों और मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रही गुरुनगरी अमृतसर से लोकसभा सांसद गुरजीत सिंह औजला द्वारा चंडीगढ़ गोल्फ क्लब को सांसद निधि से 20 लाख दिए जाने के बाद विवाद पैदा हो गया है। औजला ने क्लब को गोल्फ कार्ट व अन्य मशीनरी के लिए यह पैसा दिया है। फंड देने के बाद औजला जहां विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए हैैं, इसके साथ ही उन पर स्थानीय क्षेत्र विकास फंड के दुरुपयोग के आरोप भी लगाए हैं। दूसरी आेर, सांसद औजला का कहना है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया।
गोल्फ क्लब को फंड दिए जाने पर सवाल खड़ा करते हुए शिरोमणि अकाली दल बादल के प्रधान और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि अमृतसर के सांसद लाेकल एरिया फंड का दुरुपयोग कर रहे हैं। सुखबीर ने कहा कि सांसद औजला अमृतसर के विकास के लिए आया पैसा बाहर नहीं दे सकते। उन्होंने सांसद गुरजीत सिंह औजला की लोकसभा की सदस्यता खारिज किए जाने की मांग की।
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुग ने कहा कि अमृतसर के लोगों का पैसा बाहर देकर औजला ने लोगों के साथ धोखा किया है। यह संसदीय निधि की आत्मा से भी खिलवाड़ है। औजला को अब अगला चुनाव चंडीगढ़ से ही लड़ना चाहिए।
भाजपा नेता व लोकसभा चुनाव लड़े राजिंदर मोहन सिंह छीना ने भी औजला को निशाने पर लेते हुए कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि अमृतसर के विकास पर खर्च किए जाने वाले फंड को अमृतसर से बाहर खर्च किया जा रहा है। अभी तो जिले में विकास के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाने की जरूरत है।
दूसरी अोर, सांसद गुरजीत सिंह औजला ने चंडीगढ़ गोल्फ क्लब में दी गई राशि के बारे में अपनी सफाई दी है। उनका कहना है कि हर सांसद अपने हलके से बाहर 25 लाख रुपये खर्च कर सकते हैैं। चंडीगढ़ गोल्फ क्लब कोई प्राइवेट नहीं, बल्कि सरकारी क्लब है, इसलिए वहां पैसे दिए गए हैैं। क्लब में 70 से 80 फीसद एक्स सर्विसमेन सदस्य हैैं जिन्होंने अपने परिवारों से दूर रहते हुए अपने जीवन का अस्सी फीसद देश को दिया है।
उन्होंने कहा कि यह राशि सांसद निधि के नोडल अधिकारी कम डिप्टी कमिश्नर के जरिये उन्हें दी गई है। अगर यह राशि देना अधिकार क्षेत्र से बाहर होता तो वह वहीं से मना हो जाता। विपक्षी दलों से उन्हें कोई सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जितना धोखा उन्होंने गुरुनगरी के साथ किया है, किसी ने नहीं किया।
उन्होंने सुखबीर बादल और अकाली दल पर निशाना साधते हुए कहा कि गुरुनगरी को मिला एम्स, सेंट्रल यूनिवर्सिटी वह बठिंडा ले गए, इसलिए पिछली बार माझा ने जो उनकी सरकार बनाने का काम किया था, इस बार वहीं से उनका सुपड़ा साफ हो गया है। वह हमेशा देश के फौजियों को समर्पित रहे हैं और भविष्य में भी वह जहां बोलेंगे वह उनके साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने अमृतसर के विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए में संसदीय निधि का उपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
जालंधर : अपनी निधि से पैसा किसी विकासात्मक कार्य के लिए देने के बजाए अन्यत्र खर्च कर देने का औजला का मामला कोई नया नहीं है। इससे पूर्व सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल भी फंड आउट ऑफ स्टेट देने के लिए खूब चर्चा में रहे थे। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने करीब एक करोड़ रूपया उस स्कूल को दे दिया जहां पर वह पढ़े थे।
हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन के तहत आते निजी बोर्डिंग स्कूल सनावर को एक समारोह के दौरान सुखबीर बादल ने भी करीब एक करोड़ रूपया अपने निधि से दे दिया था। उनके अपनी निधि से ऐसे पैसे देने पर खूब बवाल हुआ हुआ था और खूब हल्ला मचा था। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने तो स्कूल को चेक ही भेंट कर दिया था। कांग्र्रेस ने तो इसे मुद्दा तक बना लिया था।