नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आईएएस अधिकारियों की ‘‘हड़ताल ’’ खत्म कराने में उनसे हस्तक्षेप की मांग की. साथ ही उन्होंने दावा किया कि उप राज्यपाल अनिल बैजल गतिरोध खत्म कराने के लिए ‘‘कुछ नहीं ’’ कर रहे हैं.
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!मोदी को लिखे पत्र में केजरीवाल ने उन घटनाओं का जिक्र किया जिनमें पिछले तीन महीने में मंत्रियों के साथ बैठकों में अधिकारियों के शामिल न होने से सरकारी कामकाज बाधित हुआ. उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारियों की कथित हड़ताल के कारण दिल्ली में मानसून से पहले नालों की सफाई, मोहल्ला क्लीनिक शुरू करने और वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के कदम बाधित हो गए हैं. उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण के मुद्दे से निपटने के लिए पिछले तीन महीने में आईएएस अधिकारियों और मंत्रियों के बीच कोई बैठक नहीं हुई है जबकि राजधानी में पिछले तीन दिनों में हवा जहरीली हो गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आईएएस अधिकारी केंद्र और उपराज्यपाल के अधीन आते हैं और अगर उन पर दिल्ली सरकार का नियंत्रण होता तो उनकी ‘‘हड़ताल ’’ कुछ घंटों में ही खत्म हो जाती. केजरीवाल और उनके मंत्री चार दिन से बैजल के कार्यालय में धरने पर बैठे हैं जिसके बाद उन्होंने मोदी को पत्र लिखा. उनकी मांग है कि उप राज्यपाल आईएएस अधिकारियों को ‘‘हड़ताल’’ खत्म करने के निर्देश दें और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें जिनकी वजह से कामकाज बाधित हुआ. साथ ही उन्होंने उप राज्यपाल से राशन की घरों पर आपूर्ति के प्रस्ताव को भी मंजूरी देने की मांग की है.
केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को पत्र में लिखा, ‘‘हड़ताल के कारण कई सारे काम प्रभावित हो रहे हैं. चूंकि उप राज्यपाल आईएएस अधिकारियों की हड़ताल खत्म कराने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं तो दिल्ली सरकार और दिल्ली के लोग आपसे हाथ जोड़कर अनुरोध करते हैं कि तुरंत हड़ताल समाप्त कराई जाए ताकि दिल्ली का कामकाज फिर से शुरू हो सके.’’ उन्होंने कहा कि नालों की सफाई मानसून से पहले शुरू होनी चाहिए लेकिन अधिकारी बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं जिससे काम प्रभावित हो रहा है. हड़ताल के कारण नए मोहल्ला क्लीनिक और पॉली क्लीनिक खुलने का काम रुक गया है. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया , ‘‘ दिल्ली में प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या है. पहले इस मुद्दे पर हर 15 दिन में समीक्षा और योजना बैठक होती थी लेकिन हड़ताल के कारण पिछले तीन महीने से ऐसी कोई बैठक नहीं हुई. ’’
एक अलग ट्वीट में केजरीवाल ने आरोप लगाया कि उप राज्यपाल कार्यालय ने उनके भाई को उनसे मिलने नहीं दिया. उन्होंने कहा , ‘‘मेरा भाई पुणे से मुझसे मिलने आया था. उसे मुझसे मिलने नहीं दिया गया. यह गलत है. ’’ डॉक्टरों के एक दल ने गुरुवार को सुबह उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के स्वास्थ्य की जांच की जो अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं.
केजरीवाल ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक वह उप राज्यपाल कार्यालय नहीं छोड़ेंगे. आम आदमी पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर इस सप्ताह मुद्दे का समाधान नहीं तलाशा गया तो रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय पर ‘‘धरना’’ दिया जाएगा. आप सरकार के अनुसार , अधिकारी मंत्रियों के साथ बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं और न ही उनके फोन उठा रहे हैं जिससे सरकारी कामकाज प्रभावित हो रहा है.