माइग्रेन के दौरान सिर में ऐसा दर्द होता है मानो सैकड़ों हथोड़ों से प्रहार किया जा रहा हो। माइग्रेन की शुरूआत बचपन, किशोरावस्था या वयस्क होने पर कभी भी हो सकता है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!माइग्रेन होने पर सिर में असहनीय दर्द होता है।
इसमें नर्व में सेरोटोनिन का स्तर कम हो जाता है।
हार्मोनल बदलाव भी इस समस्या का प्रमुख कारण है।
उपचार न होने पर इसका दर्द 72 घंटे तक रहता है।
माइग्रेन के दौरान सिर में तेज दर्द उठता है। जो कई बार बेहद तकलीफदेह हो सकता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनसे दूर रहकर माइग्रेन से बचा जा सकता है।
माइग्रेन एक प्रकार का दीर्घकालिक सिरदर्द है जिससे कई घंटों या दिनों तक तेज दर्द रह सकता है। रोगी अंधेरे और शांत जगह पर आराम करना चाहता है। कुछ लोगों में माइग्रेन से पहले या उसके साथ अन्य लक्षण भी होते हैं, जिन्हें ऑरा कहा जाता है। सामान्य ऑरा हैं-चमक कौंधना, काले धब्बे दिखना या बांह अथवा पैर में झुनझुनी लगना। यद्यपि माइग्रेन का इलाज उपलब्ध नहीं है, कुछ दवाएं इसकी तीव्रता और आवृत्ति घटाता है।
कारण
माइग्रेन का सही कारण पता नहीं चला है, लेकिन जेनेटिक और पर्यावरणीय कारक की इसमें भूमिका हो सकती है। माइग्रेन ट्राईगेमिनल नर्व में न्यूरोकेमिकल के बदलाव और मस्तिष्क के रसायनों में असंतुलन, खासकर सेरोटोनिन के कारण आरंभ होता है।
माइग्रेन के समय सेरोटोनिन का स्तर संभवतः कम हो जाता है, जो ट्राइजेमिनल सिस्टम को न्यूरोपेप्टाइड का स्राव करने के लिए प्रेरित करता है। न्यूरोपेप्टाइड मस्तिष्क के बाह्य आवरण(मेनिंन्जेज) तक पहुंचकर सिरदर्द उत्पन्न करता है।
कुछ सामान्य कारण
प्राकृतिक या हार्मोनल बदलाव, जो खासकर महिलाओं के मामले में होता है, जहां एस्ट्रोजेन हार्मोन का स्तर कम होने पर सिरदर्द होता है। महिलाओं को पीरियड के समय या उससे पहले सिरदर्द हो सकता है। कुछ दवाएं, जैसे-गर्भनिरोधक गोलियां या हार्मोन रिप्लेशमेंट थेरेपी से या तो सिरदर्द बढता है या घट जाता है।
कुछ खाद्य या पेय पदार्थ, जैसे- बीयर, रेड वाइन, पुराने पनीर, चॉकलेट, अस्पार्टेम, कैफीन का अधिक उपयोग, मोनोसोडियम ग्लूटामेट आदि से माइग्रेन का सिरदर्द शुरू हो सकता है।
तनाव और बेचैनी
संवेदनात्मक उत्तेजना, जैसे-तेज प्रकाश, धूप से आँख चुंधियाना, तेज आवाज, परफ्यूम, बदबू (जैसे-पेंट थिनर और धुआं)।
सोने-जगने के पैटर्न में अवरोध जैसे-सो नहीं पाना, अत्यधिक सोना आदि।
शारीरिक कारक जैसे-शारीरिक थकावट या अत्य़धिक परिश्रम।
मौसम में बदलाव(अत्यधिक गर्मी या ठंडक)
कुछ दवाएं माइग्रेन के दर्द को शुरू कर सकते हैं।
लक्षण
माइग्रेन की शुरूआत बचपन, किशोरावस्था या वयस्क होने पर कभी भी हो सकता है। माइग्रेन से पीड़ित लोगों में इनमें से कुछ या सभी लक्षण हो सकते हैं-
साधारण या तीव्र दर्द, जो सिर के एक या दोनों ओर हो सकता है
फड़कने जैसा दर्द
शारीरिक श्रम करने से दर्द बढ जाना
दर्द दैनिक क्रियाओं में अवरोध पैदा कर सकता है
जी मिचलाना. जिससे उल्टी भी हो सकती है
आवाज और प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
अगर माइग्रेन का उपचार नहीं किया जाए तो इसका दर्द 4 से 72 घंटों तक रह सकता है। माइग्रेन का सिरदर्द अलग-अलग लोगों को अलग-अलग सीमा तक हो सकता है; कुछ लोगों को महीने में कई बार सिरदर्द हो सकता है, जबकि अन्य लोगों को इससे कम होता है।
अधिकतर लोगों में माइग्रेन के साथ ऑरा नहीं होते, इन्हें सामान्य माइग्रेन कहा जाता है, जबकि कुछ लोगों में इसके साथ ऑरा की शिकायत रहती है, ऐसे माइग्रेन को क्लासिक माइग्रेन कहा जाता है। सामान्य ऑरा में आपकी दृष्टि में बदलाव, जैसे-प्रकाश की कौंध दिखना और बांह एवं पैरों में पिन चुभने जैसी अनुभूति आदि शामिल हैं।