हांगकांग-दुबई में भी लोन ले रहा था नीरव मोदी, लेकिन तभी भारत में खुल गया खेल

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नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक की ब्रैडी हाउस ब्रांच में ही घोटाले को अंजाम नहीं दिया था, बल्क‍ि उसने बैंक की हांगकांग और दुबई स्थ‍ित शाखा से भी लोन के लिए अप्लाई किया था. पीएनबी की तरफ से जांच एजेसियों को सौंपी गई रिपोर्ट में यह बात कही गई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के बाहर स्थ‍ित इन शाखाओं से नीरव मोदी को यह लोन मंजूर भी हो गया था.

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पंजाब नेशनल बैंक की आंतरिक रिपोर्ट के मुताबिक नीरव मोदी ग्रुप कंपनी फायरस्टार डायमंड लिमिटेड हांगकांग और फायरस्टार डायमंड एफजेडई दुबई ने इन देशों में स्थ‍ित पीएनबी की शाखाओं से भी लोन मंजूरी हासिल कर ली थी. हालांकि जांच के तुरंत बाद ही इस कर्ज को मिली मंजूरी को वापस ले लिया गया.

बैंक की तरफ से यह कार्यवाही ब्रैडी हाउस ब्रांच में नीरव मोदी की तरफ से घोटाला सामने आने के बाद की गई. रिपोर्ट में ये भी साफ किया गया है कि फिलहाल इन दोनों ब्रांच की तरफ से लोन सैंक्शन किए जाने के मामले में कोई धोखाधड़ी की बात सामने नहीं आई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें किसी भी तरह की धोखाधड़ी का पता नहीं चला है. इस वजह से इन दोनों ब्रांच में नीरव मोदी ग्रुप कंपनी के खातों को फ्रॉड के तौर पर नहीं लिया जा रहा है.


नीरव मोदी ग्रुप की अमेरिका स्थ‍ित फायरस्टार डायमंड ने यहां बैंकरप्सी के लिए फाइल किया था. कंपनी ने बैंकरप्सी कानून के चैप्टर 11 के तहत न्यूयॉर्क साउदर्न बैंकरप्सी कोर्ट में याच‍िका दाख‍िल की थी. भारत में 13400 करोड़ रुपये से ज्यादा के इस घोटाले के सामने आने के बाद ही कंपनी ने यह कदम उठाया था.

पीएनबी भी इस द‍िवालिया प्रक्रिया का हिस्सा बना. उसने दावा किया कि ब्रैडी हाउस में धोखाधड़ी से ली गई रकम का ज्यादा हिस्सा यूएस स्थ‍ित कंपनी के जरिये ठ‍िकाने लगाया गया.

पंजाब नेशनल बैंक ने आंतरिक स्तर पर जांच कर 162 पन्नों की यह रिपोर्ट तैयार की है. इसमें उसने बताया कि ब्रैडी हाउस ब्रांच के कर्मचारियों की मिलीभगत से यह धोखाधड़ी संभव हो पाई. रिपोर्ट के मुताबिक बैंक कर्मचारियों ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की मदद करने के लिए उन्हें फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेक‍िंग जारी किए.

बैंक की तरफ से यह रिपोर्ट जांच एजेंसियों को सौंपी गई है. इस रिपोर्ट के साथ इंटरनल ईमेल को भी सबूत के तौर पर अटैच किए गए हैं. बता दें कि नीरव मोदी ने इस घोटाले के जरिये पीएनबी को 13400 करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगाया है. इस मामले की जांच सीबीआई लगातार कर रही है. इसके लिए उसने इंटरपोल से भी संपर्क साधा है.