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Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा का परिणाम सोमवार को घोषित कर दिया। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉ. सुत्ता सिंह ने बताया कि परीक्षा में 41556 (60.65 प्रतिशत) अभ्यर्थी सफल हैं। परिणाम से स्पष्ट है कि इस भर्ती के 26944 पद खाली रह जाएंगे। भाजपा सरकार ने 68500 शिक्षकों की भर्ती से लिखित परीक्षा की व्यवस्था लागू की है।
सचिव ने बताया कि 27 मई को सुबह 10 से एक बजे तक आयोजित लिखित परीक्षा के लिए 125746 आवेदकों को प्रवेश पत्र जारी हुए थे। इनमें से 107873 परीक्षा में सम्मिलित हुए थे। अभ्यर्थी परीक्षा परिणाम वेबसाइट www.upbasiceduboard.gov.in पर अपना अनुक्रमांक भरने के बाद देख सकते हैं। परीक्षाफल इस वेबसाइट पर 30 अगस्त की शाम 6 बजे तक उपलब्ध रहेगा।
जिला वरीयता नहीं रहेगी
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती में जिला वरीयता नहीं होगी। अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में किए गए 22वें संशोधन में जिला वरीयता की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। यानि अब जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) इलाहाबाद से बीटीसी या डीएलएड की ट्रेनिंग लेने वाला प्रशिक्षु गाजियाबाद, लखनऊ या किसी भी पसंदीदा जिले में तैनाती पा सकता है। जिला वरीयता की व्यवस्था वर्षों पुरानी है।
68500 शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। सूत्रों के अनुसार ऑनलाइन आवेदन में ही अभ्यर्थियों से पांच जिलों की वरीयता ले ली जाएगी। इसके बाद उनकी मेरिट और संबंधित जिले में रिक्त पद की उपलब्धता के अनुसार तैनाती दे दी जाएगी। 68500 शिक्षक भर्ती के लिए जो कार्ययोजना तैयार की गई है उसमें इस बिन्दु को शामिल किया गया है।
नहीं रह जाएगी अंतर-जनपदीय तबादले की जरूरत
जिला वरीयता समाप्त होने के बाद अंतर जनपदीय तबादले की मारामारी नहीं रह जाएगी क्योंकि अभ्यर्थियों को उनकी पसंद के पांच में से किसी एक जिले में ही तैनाती मिल जाएगी। वर्तमान में अभ्यर्थियों को जिला वरीयता के अनुसार नियुक्ति दी जा रही है। यानि जिस जिले से बीटीसी या डीएलएड किया वहां प्राथमिकता के आधार पर और उसके बाद रिक्त पदों के सापेक्ष किसी भी जनपद में नौकरी मिल रही है।