मंबई: को-पायलट के पति का आरोप, हादसे के लिए कंपनी जिम्मेदार, मौसम खराब होने के बावजूद टेक ऑफ करवाया

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प्रभात ने बताया कि मर्या सुबह आठ बजे घर से निकलीं थीं, एक बजे मैसेज किया कहां हो? लेकिन कोई जवाब नहीं आया. उन्होंने कहा कि युवाय कंपनी के सीईओ अनिल चौहान जो अभी तक हमसे मिलने भी नहीं आए हैं.

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नई दिल्ली: मुंबई के घाटकोपर में आज एक चार्टर्ड प्लेन हादसे का शिकार हो गया जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में पायलट प्रदीप राजपूत, को-पायलट मर्या जुबेरी, एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर मनीष पांडे और सुरभि शामिल हैं. इसके साथ ही एक राहगीर गोविंद पंडित की भी मौत हुई है. हादसे के कराणों की जांच की जा रही है, इस बीच को पायलट मर्या जुबेरी के पति प्रभात ने बड़ा आरोप लगाया है. मर्या जुबेरी के पति के मुताबिक मौसम खराब होने के बावजूद कंपनी ने प्लेन को टेकऑफ करवाया.

मर्या जुबेरी के पति ने एबीपी न्यूज़ के सहयोगी चैनल एबीपी माझा से कहा, ”चीफ पायलट प्रदीप से कल बात हुई थी उन्होंने कहा था कि टेस्ट फ्लाइट नहीं होगी. आज सुबह मर्या ने भी फोन पर कहा था कि आज फ्लाइट टेस्ट नहीं होगा. युवाय कंपनी ने मौसम खराब होने के बावजूद टेस्ट फ्लाइट टेक ऑफ करवाई. हादसे में पांच लोगों की मौत के लिए कंपनी जिम्मेदार है.”

प्रभात के मुताबिक मर्या जुबेरी को 1000 घंटे फ्लाइट उड़ाने का अनुभव था. प्रभात ने बताया कि मर्या सुबह आठ बजे घर से निकलीं थीं, एक बजे मैंने मैसेज किया कहां हो? लेकिन कोई जवाब नहीं आया. उन्होंने कहा कि युवाय कंपनी के सीईओ अनिल चौहान जो अभी तक हमसे मिलने भी नहीं आए हैं.




कैसे हुआ हादसा?
चार्टर्ड प्लेन ने जुहू एयरपोर्ट से परीक्षण उड़ान भरी थी और इसे मुंबई एयरपोर्ट पर लैंड करना था. लैंडिग से कुछ मिनट पहले ही दोपहर करीब 1 बजकर 16 मिनट पर प्लेन घाटकोपर के सर्वोदय नगर स्थित रिहायशी इलाके में क्रैश कर गया. प्लेन पहले सड़क पर गिरा इसके बाद फिसलते हुए एक निर्माणाधीन बिल्डिंग से जा टकराया.

हादसे के दौरान पायलट ने सूझबूझ दिखाई और सघन आबादी वाले इलाके में भी खाली जगह में प्लेन को लैंड करने की कोशिश की. पायलट मर्या जुबेरी मुंबई और को पायलट प्रदीप राजपूत दिल्ली के रहने वाले हैं. हादसे का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि प्लेन क्रैश होने के कुछ देर बाद ही एक शव को पास में ही जलते देखा गया.

प्लेन का ब्लैक बॉक्स मिला
दुर्घटना के बाद बेहद सघन तालाशी अभियान के बाद क्रैश हुए चार्टर्ड प्लेन का ब्लैक बॉक्स मिल गया है. ब्लैक बॉक्स के जरिए हादसे की मुख्य वजह पता चल सकेगी. दरअसल ब्लैक बॉक्स को तकनीकी भाषा में फ्लाट डाटा रिकर्डर भी कहते हैं. हादसे के वक्त के आखिरी क्षणों का डाटा इस ब्लैक बॉक्स में दर्ज होता है.

इसमें पायलट की एटीसी से की गई बातचीत, प्लेन के अंदर की आवाजें, अलार्म सभी कुछ रिकॉर्ड होता है. इसमें कॉकपिट एरिया में हुई बातचीत भी रिकॉर्ड होती है. इसका नाम ब्लैक बॉक्स होता है लेकिन असल में इसका रंग नारंगी होता है. यह बेहद मजबूत मैटेरियल का बना होता है, जिससे हादसे के बाद भी इसे नुकसान नहीं पहुंचता.

पहले यूपी सरकार का था प्लेन
घाटकोपर में क्रैश होने वाला चार्टर्ड प्लेन बीनक्राफ्ट किंग एयर सी-90 टर्बोकॉप है. दो इंजन वाले इस प्लेन का निर्माण साल 1995 में हुआ था. इस विमान की क्षमता 12 लोगों की है लेकिन अच्छी बात ये रही आज इसमें सिर्फ चार लोग ही सवार थे.

यह विमान पहले उत्तर प्रदेश सरकार की सेवा में था लेकिन साल 2014 में यूपी सरकार ने इसे मुंबई की यूवाय एविएशन कंपनी को बेच दिया था. पिछले साल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का हेलीकॉप्टर मुंबई के अलीबाग के पास दुर्घटनाग्रस्त होते होते बचा था. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री फडणवीस जिस हेलीकॉप्टर में थे वो इसी कंपनी का था.