दिलीप दोषी का मानना है कि हाल के समय में स्पिनरों की गुणवत्ता पहले जैसी नहीं रही।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!भारत के लिए 33 टेस्ट और 15 वनडे खेलने वाले दिलीप दोषी इस समय इंग्लैंड में हैं। बायें हाथ के आर्थोडॉक्स गेंदबाज के तौर पर उन्होंने 114 टेस्ट विकेट हासिल किए। 70 वर्षीय दोषी अभी भी भारतीय टीम और खासकर स्पिनरों पर पैनी नजर रखते हैं। उनका मानना है कि हाल के समय में स्पिनरों की गुणवत्ता पहले जैसी नहीं रही है। भारतीय टीम के पूर्व करिश्माई स्पिनर दिलीप दोषी से अभिषेक त्रिपाठी ने बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश-
भारत में इस समय कई कलाई के स्पिनर आए हैं। इन्होंने अच्छा प्रदर्शन भी किया है। क्या कलाई के स्पिनर भविष्य के स्पिनर हैं?
अगर आप स्पिनरों को नहीं पढ़ पाते हैं तो किसी भी गेंदबाज के सामने आउट हो सकते हैं। ऐसा ही कुछ कलाई के स्पिनरों के सामने भी होता है। मेरा मानना है कि स्पिनरों की गुणवत्ता बहुत तेजी से खराब हो रही है। इसमें से कुछ स्पिनर भारतीय टीम में भी जगह बनाते हुए नजर आते हैं, या आ सकते हैं लेकिन अगर आप प्रथम श्रेणी क्रिकेट देखेंगे तो आपको भारतीय स्पिन कला के बारे में पता चल जाएगा। ऐसे गेंदबाजों को अच्छी पिचों में प्रदर्शन करने के लिए कहा जाना चाहिए। उसके बाद हमें अच्छे स्पिनर मिलेंगे।
रविचंद्रन अश्विन ने अपनी गेंदबाजी में काफी बदलाव किया है। उन्होंने इस दौरे पर भी अच्छी गेंदबाजी की है। उन्हें कैसे देखते हैं?
अश्विन ने अपने आपमें काफी बदलाव किया है और वह पहले से बेहतर नजर आ रहे हैं। उन्हें समझना चाहिए कि वह एक ऑफ स्पिनर हैं और उन्हें 98 प्रतिशत गेंदें वैसी फेंकनी होंगी जो उनका मुख्य हथियार हैं। दो प्रतिशत गेंदों के लिए आप अपने आप को नहीं बदल सकते हैं। आप बदलाव के लिए दो फीसद गेंदों का इस्तेमाल करते हैं, जो ठीक है। जहां तक चौथी पारी में उसकी गेंदबाजी का सवाल है तो मुझे पता नहीं कि वह फिट हैं या नहीं, लेकिन इस मैच में उसका रोल अहम होगा।
चाइनामैन कुलदीप यादव को टेस्ट टीम में शामिल किया गया है। उनको कैसे देखते हैं?
-अभी वह परिपक्व नहीं हुआ है। वह हवा में गेंद को बहुत धीमे डालता है। वह युवा है और सीख रहा है। उसकी बाजू जल्दी नीचे आ जाती है और इसलिए हवा में उसकी गेंद धीमे आती है। टेस्ट क्रिकेट में लंबे समय के लिए आप ज्यादा प्रयोग नहीं कर सकते हैं। टी-20 और वनडे मे यह आसान होता है। मुझे लगता है कि उसे प्रथम श्रेणी मैचों में ज्यादा से ज्यादा खिलाना चाहिए जिससे वह आसपास के लोगों से सीख सके।
रवींद्र जडेजा भी आपकी तरह ऑर्थोडॉक्स स्पिनर हैं। वह भी टीम के साथ आए हैं, लेकिन उन्हें अब तक मौका नहीं मिला है?
जडेजा अच्छा है। वह अगले टेस्ट में खेल सकता है। वह भारत में सीधी गेंद फेंकता है और डीआरएस के आने से उसकी राह आसान नहीं हुई है।
भारतीय कप्तान विराट कोहली के बारे में क्या कहेंगे?
इसमें कोई शक नहीं कि वह रनों के लिए भूखा है। वह यहां की स्विंग से मुकाबला कर रहा है और उसकी बल्लेबाजी देखने में मजा आता है।