पति-पत्नी के रिश्तों की डोर प्रेम और विश्वास के धागे से बंधी होती है, लेकिन इस डोर को इंटरनेट तेजी से कमजोर कर रहा है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!इंदौर [नईदुनिया]। इंटरनेट-सोशल मीडिया का ज्यादा उपयोग एक किस्म की बीमारी है। यह लत में तब्दील हो जाता है। जो मामले सामने आ रहे हैं, अधिकांश में देखा गया है कि भावनात्मक रूप से जुड़ाव नहीं होने के कारण रिश्ते टूट रहे हैं। बदलते वक्त के साथ जरूरी है कि परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। तेजी से बढ़ते अकेलेपन को अपनेपन से दूर करें। यदि इसके बाद भी लत में कमी न दिखाई दे तो चिकित्सकों की सलाह लें। इसके अलावा रिश्तों को बचाने के लिए उनमें खुलापन, विश्वास, आपसी तालमेल और पार्टनर को समझने की कोशिश भी करें।
केस 1-पुराने दोस्तों से वाट्सएप पर बातचीत बनी तलाक का कारण :
मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के कनाड़िया इलाके के निवासी विनोद की शादी मई 2016 में गुजरात के वडोदरा शहर की शालिनी (बदला हुआ नाम) से हुई थी। पहली ही रात से पति-पत्नी के बीच तनाव शुरू हो गया। शालिनी का कहना था कि उसकी शादी जबरदस्ती हुई है। इसमें उसकी मर्जी नहीं है। विनोद ने यह बात ससुराल वालों को बताई तो ससुर ने यह कहकर मामला शांत करवा दिया कि धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा। विनोद ऑफिस से घर लौटता तो अक्सर शालिनी मोबाइल पर बात करती मिलती। उसे देख वह छत पर चली जाती। शक होने पर विनोद ने मोबाइल खंगाला तो पता चला शालिनी पुराने दोस्तों से बात करती है। ये दोस्त पुरुष हैं। मामला कोर्ट तक पहुंच गया। विनोद ने क्रूरता के आधार पर शालिनी से तलाक के लिए केस दायर कर दिया।