नोविचोक की दहशत में पूरा ब्रिटेन, संपर्क में आने पर चंद मिनट में हो जाती है मौत!

Politics

Publish Date:Sun, 15 Jul 2018 03:43 PM (IST)

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ब्रिटेन में इन दिनों रसायनिक हमले की दहशत साफतौर पर देखी जा रही है। ब्रिटेन में रूसी डबल एजेंट पर हुए रसायनिक हमले के बाद यहां पर लगातार इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं।



नई दिल्‍ली [स्‍पेशल डेस्‍क]। ब्रिटेन में इन दिनों रसायनिक हमले की दहशत साफतौर पर देखी जा रही है। ब्रिटेन में रूसी डबल एजेंट पर हुए रसायनिक हमले के बाद यहां पर लगातार इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। पिछले दिनों आठ जुलाई को लंदन के दक्षिण-पश्चिम इलाके में जिस महिला की हत्‍या की गई थी उसको लेकर भी इसी तरह के हमले की बात सामने आ रही है। आतंकवाद निरोधक पुलिस ने इस इलाके में मारी गई महिला के मामले की जांच में 400 से ज्यादा संदिग्ध वस्तुएं जब्त की हैं। पुलिस को शक है कि 44 वर्षीय डॉन स्टरगेस नाम की इस महिला की हत्‍या में खतरनाक नोविचोक नर्व एजेंट का इस्‍तेमाल किया गया था। स्टरगेस के पति चार्ली रॉली का अभी अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने बताया है कि चार्ली रॉली के घर से उन्होंने ऐसी बोतल बरामद की है, जिसमें नर्व एजेंट होने का शक है। अब इस बोतल और कुछ अन्य वस्तुओं को परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। लंदन स्थित रूसी दूतावास ने ताजा नर्व एजेंट हमले की जांच में मिली वस्तुओं की जानकारी ब्रिटिश पुलिस से मांगी है।


गौरतलब है कि चार्ली रोली और उनके 44 वर्षीय पति डॉन स्टर्गेस 30 जून को विल्टशायर के एम्सबरी में अपने घर में बेहोशी की हालत में पाए गए थे। उनकी यह स्थिति किसी घातक पदार्थ के संपर्क में आने से हुई थी। जांच के बाद पोर्टन डाउन सैन्य प्रयोगशाला ने कहा कि दंपति घातक नर्व एजेंट ‘नोविचोक’ के संपर्क में आने के कारण गंभीर रूप से बीमार पड़ा था। आपको बता दें कि इससे पहले मार्च में पाला बदलने वाले रूसी जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया पर ब्रिटेन के सैलिसबरी शहर में इसी नर्व एजेंट से हमला हुआ था। समय रहते इलाज मिल जाने से उनकी जान बच गई थी। आपको बता दें कि मार्च में हुई इस घटना के बाद ब्रिटेन ने रूस को जिम्मेदार ठहराया था। उसका समर्थन अमेरिका ने भी किया था और इन दोनों देशों के संबंध रूस के साथ काफी तनावपूर्ण हो गए थे। इसके बाद ब्रिटेन, अमेरिका समेत कई मित्र देशों ने रूसी राजनयिकों को देश से निकाल दिया था।


सोवियत रूस ने बनाया था नोविचोक
ब्रिटेन का दावा है कि नोविचोक सोवियत राष्ट्र द्वारा बनाया गया एक सैन्य स्तरीय नर्व एजेंट है। ब्रिटेन की मेट्रोपोलिटन पुलिस के अनुसार, नोविचोक वही घातक रसायन है, जिसके जरिये 4 मार्च को सेलिस्बरी में रूस के पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया को मारने की कोशिश की गई थी। आपको यहां पर ये भी बता दें कि उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन के भाई किम जोंग नम की हत्या में भी इसी तरह के नर्व एजेंट’ का इस्तेमाल किया गया था। किम जोंग नम की हत्‍या उस वक्‍त की गई थी जब वह एयरपोर्ट में फ्लाइट पकड़ने जा रहे थे।



बेहद खतरनाक है ये रसायन
1970-80 के दशक में शीत युद्ध के दौरान तत्कालीन सोवियत खुफिया एजेंसी ने सबसे घातक जहर नोविचोक बनाया था। बेहद महीन पाउडर के रूप में मिलने वाला नोविचोक जहरीली वीएक्स गैस से आठ गुना ज्यादा जानलेवा होता है।यह शरीर में प्रवेश करने के बाद एक विशेष एंजाइम को अवरुद्ध कर देता है, जिसके कारण तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं। फिर सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और दिल का दौरा पड़ता है। इसके संपर्क में आने से किसी व्यक्ति की कुछ ही मिनटों में मौत हो सकती है।


कुछ मिनट में हो सकती है मौत
मेडिकल टॉक्सीलॉजिस्ट पीटर चाई का कहना है कि सबसे पहले यह केमिकल सांस के जरिए और कुछ खाने या फिर त्वचा के साथ शरीर के अंदर जाता है। फिर अंदर जाने के बाद एंजाइम को ब्लॉक कर देता है। यह एंजाइम नर्व और मसल्स को सही तरह से कार्य करने के लिए काफी अहम माना जाता है। इसके बाद लार टपकने लगती है और शरीर में जहर फैलने लगता है इसी के साथ ही कुछ मिनटों में इंसान पैरालिसिस(लकवा) का शिकार हो जाता है। डायरिया, नाक बहना, पसीना आना और साथ ही हृदय गति भी कम हो जाती है। केमिकल वेपंस के विशेषज्ञ मार्क के मुताबिक नोविचोक नर्व एजेंट् किसी भी व्यक्ति को पांच से 15 मिनट में मौत के घाट उतार सकता है। हैंडबुक ऑफ टॉक्सीलॉजी ऑफ केमिकल वॉरफेयर एजेंट्स का कहना है कि नर्व एजेंट के शिकार किसी भी व्यक्ति का इलाज हो पाना फिलहालअसंभव है।



कैसे सामने आया ये रसायन
केमिकल वेपंस के विशेषज्ञ मार्क बिशप कहते हैं कि नर्व एजेंट किसी को भी पांच से 15 मिनट के अंदर खत्‍म कर सकता है। लेकिन नोवाचिक एजेंट्स बाकी नर्व एजेंट्स की तुलना में और करीब आठ गुना तक ज्‍यादा खतरनाक होते हैं। उन्‍होंने बताया कि अगर सर्गेई और उनकी बेटी जिंदा हैं तो इसका मतलब कि नर्व एजेंट की मात्रा कम थी या फिर इसमें मिलावट थी। हालांकि अब तक ये रहस्‍य सुलझ नहीं पाया है कि जब रूस ने सितंबर 2017 तक 39,967 मीट्रिक टन केमिकल वेपेन को खत्‍म कर दिये थे तब यह खतरनाक रसायन दोबारा सामने कैसे आया।