दिल्ली-चंडीगढ़ के बीच शुरू हुई एक नई लग्जरी ट्रेन, 3 घंटे में पूरी होगी दूरी, शताब्दी होगी बंद

General News

Shared News | Updated Sat, 18 Aug 2018 04:27 PM IST

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

देश की राजधानी दिल्ली से चंडीगढ़ की यात्रा करने वाले लोगों को रेलवे ने एक बड़ी सौगात दे दी है। दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर अब शताब्दी एक्सप्रेस को बंद करके एक नई लग्जरी ट्रेन शुरू की गई है। इस ट्रेन के शुरू हो जाने से दिल्ली से चंडीगढ़ की दूरी 3 घंटे में पूरी हो जाएगी।
चेन्नई-बंगलूरू व अहमदाबाद-मुंबई रूट पर भी शताब्दी को बंद किया जा सकता है। रेलवे बोर्ड के सदस्य (ट्रैफिक) मोहम्मद जमशेद के मुताबिक इन सभी रूट्स पर रेलवे हाई स्पीड तेजस ट्रेन को चलाने की तैयारी कर रहा है।

यह होगा नया टाइम टेबल



रेलवे के नए टाइम टेबल के अनुसार, ट्रेन नंबर 22425 नई दिल्ली से रोज सुबह (बुधवार को छोड़कर) 9:30 पर रवाना होगी जो दोपहर बाद 12:40 पर पहुंचेगी। वापसी में ट्रेन नंबर 22426 चंडीगढ़ से दोपहर 2:35 से चलकर शाम को 5.30 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी।

रेक बनकर हुआ तैयार


मोहम्मद जमशेद ने कहा कि तेजस का एक 12 डिब्बों वाला रेक बनकर तैयार हो गया है। जल्द ही हमें एक और रेक जिसमे 17-18 डिब्बे होंगे, वो कपूरथला स्थित फैक्ट्री से तैयार होकर के मिल जाएगा। इसके बाद अगस्त में तेजस के रेक को दौड़ा दिया जाएगा। अभी इन सभी रूट्स पर स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस चलती है, जिसमें यात्रियों की सर्वाधिक भीड़ रहती है, उसके स्थान पर यात्रियों को और बेहतर सुविधाओं वाली ट्रेन में यात्रा करने का मौका मिलेगा।


200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार

तेजस 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से रेल ट्रैक पर दौड़ती नजर आ सकती है। चीन, स्वीडन, जर्मनी और रूस की तर्ज पर भारतीय रेल ने बिहार के मधेपुरा में 12 हजार हॉर्सपावर से ज्यादा ताकत वाले रेल इंजन का निर्माण कर लिया है।

पंजाब के कपूरथला रेल कोच फैक्टरी (आरसीएफ) ने 12 डिब्बों की देश की पहली रैक का निर्माण कर लिया है, जो 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मौजूदा ट्रैक पर दौड़ सकती है। इसके निर्माण में 39 करोड़ की लागत आई है।

यह हैं खूबियां
पूरी ट्रेन साउंड प्रूफ है, ट्रेन के गेट ऑटोमेटिक हैं।
वाई-फाई, सीट के पीछे टच स्क्रीन एलईडी, स्मोक डिटेक्टर, सीसीटीवी।
वीनीशन विंडो- यह आकार में बड़ा है। बेहतर दृश्य, धूप से बचाव के लिए लगे पर्दे पॉवर से चलेंगे।
ट्रेन में बायो वैक्यूम टॉयलेट, इंगेजमेंट बोर्ड, हैंड ड्रायर की सुविधा मुहैया कराई गई है।
एक्जीक्यूटिव क्लास में ज्यादा आराम के लिए सीट के पीछे सर टिकाने के लिए हेडरेस्ट, पैरों के लिए फूटरेस्ट दिए गए हैं। पैसेंजर सो कर जा सकते हैं। लेटने के लिए अत्यंत सुविधाजनक सीट तैयार की गई है।
स्टेशनों के बारे में और दूसरी सूचनाएं माइक के अलावा एलईडी पर भी मिलेगी।
सीट और कोच के छत के निर्माण में नारंगी और पीले रंग का इस्तेमाल किया गया है।