आय का प्रमाण पत्र :
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!मैं अपने कुछ विचार आप सभी के बीच रख रहा हूँ। आज के इस दौर मे महंगाई गरीब को खा रही है और अमीर को संपन्न बना रही है। जिसमे सबसे पहले हम निम्न वर्ग और मध्यम वर्ग के परिवारों को अपने परिवार के पालन पोषण में बहुत परेशानी आती है। व्यापरी कहते है काम नहीं और सरकारें कहती है काम की कमी नहीं फिर यह समस्या है क्या? यदि हम नौकरी मांगने जाये तो मजदूरी या वेतन पहले से कम क्यों मिलता है।
व्यापारी संपन्न है तो वेतन देने में समस्या क्या है। बेसिक वेतन यानि आरंभिक वेतन नयोक्ता या व्यापारी क्यों नहीं देते है? सब्जी लेने जाये तो सब्जी वाला मंडी की ‘कहानी सुनाता है कि मंडी बहुत महंगी है। किन्तु मैं तो किसान हूँ फिर हमे कोई क्यों नहीं कहता ये सामान आप सस्ते में क्यों दे रहे हो। क्योकि किसान का कोई मूल्य नहीं लगता है? आज के इस दौर में बच्चो को पढ़ना बहुत की कठिन कार्य है क्योकि प्रत्येक स्कूल की फीस ही इतनी ज्यादा है की सिर्फ और सिर्फ सरकारी अफसर, नेता और व्यापरी ही अपने बच्चो को पढ़ा सकते है।
यदि किसी कारन वश किसी गरीब या मध्यम वर्ग के व्यक्ति ने अपने बच्चे का दाखिला करा भी दिया तो उसे स्कूल वाले आय का प्रमाण पत्र जमा करो के ताने से मर डालते है। दिल्ली जैसे शहर में आय का प्रमाण पत्र बनबाना बहुत ही कठिन कार्य है। दिल्ली जैसे शहर में लगभग सभी परिवार एक लाख प्रति वर्ष कमा ही लेते है किन्तु क्या ऐसे शहर में प्रति व्यक्ति आय एक लाख बहुत ज्यादा है नहीं कम से कम २ लाख होनी चाहिए। और तो और आय का प्रमाण पत्र मात्र ६ महीने के लिए ही वैध होता है। क्या कोई व्यक्ति छह महीने में अपनी आय बदलने में सक्षम है संभव ही नहीं है। दिल्ली सरकार को उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर ३ साल की वैधता के साथ बनाना चाहिए। दिल्ली सरकार को दिल्ली में जन सेवा केंद्र खोलने चाहिए। जिससे किसी भी प्रमाण पत्र को बनाने में समस्या न आये।
धन्यवाद
आप भवदीय
ओमकार सिंह