न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बलरामपुर Updated Sat, 30 Jun 2018 04:38 PM IST
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सामाजिक रूढ़ियों के चलते समाज में बेटियों के साथ हो रहे अन्याय और अत्याचार के खिलाफ अब महिला शक्ति को औजार बनाकर तराई की बेटियां ज्वलंत मुद्दों पर बदलाव करेंगी। तराई क्षेत्र के अति पिछड़े जिले के दूर-दराज के गांवों की महिलाओं की दशा व दिशा सुधारने का बीड़ा अब ‘स्मार्ट बेटियों’ ने उठाया है।
बलरामपुर में ‘स्मार्ट बेटियां’ परियोजना के तहत 75 बेटियों को यूनिसेफ, अमर उजाला फाउंडेशन, जयशंकर मेमोरियल सेंटर और गूगल के साझा प्रयासों से पत्रकारीय लेखन और वीडियो रिपोर्टिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बाल-विवाह, दहेज प्रथा, लैंगिक भेदभाव, बालिका शिक्षा और इससे जुड़े मुद्दों पर इन किशोरियों-युवतियों को संवेदित कर अपने आस-पास की सकारात्मक कहानियां लिखने और उनकी वीडियो रिपोर्ट बनाने का प्रशिक्षण देने की यह खास पहल है। यह ‘स्मार्ट बेटियां’ महिलाओं की समस्याओं से जुड़ी रोचक जानकारी भी वीडियो तथा सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक समाज तक पहुंचाने का काम करेंगी।
ऐसी 25 किशोरियों की पहली कार्यशाला का आयोजन मंगलवार, 26 जून को अमर उजाला समूह के वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा बलरामपुर में किया गया। बृहस्पतिवार, 28 जून को 25 अन्य किशोरियों के दूसरे दल का प्रशिक्षण हुआ। शनिवार, 30 जून को ऐसी ही 25 अन्य ग्रामीण किशोरियों-युवतियों के तीसरे दल का प्रशिक्षण हुआ।
उल्लेखनीय है कि पत्रकारिता ट्रेनिंग से पहले बाल-विवाह और इससे जुड़े मुद्दों की समझ पैदा करने के लिए जयशंकर मेमोरियल सेंटर के विशेषज्ञों की टीम इन युवतियों के साथ पूरा दिन संवाद करती है।
इन सभी 75 युवतियों को अब वीडियो रिपोर्टिंग का प्रशिक्षण 25-25 के ही समूह में बांटकर दिया जा रहा है। दो-दो दिन के इस प्रशिक्षण के बाद यह युवतियां अपने आस-पास बिखरी सकारात्मक, प्रेरक कहानियां तलाशेंगी और उन्हें प्रिंट तथा वीडियो रिपोर्ट में अमर उजाला को भेजेंगी। जिसके बाद अमर उजाला के विभिन्न प्रसार माध्यमों द्वारा इन्हें समाज के सामने पेश किया जाएगा।